《《《《 हाँ मुझे नही फर्क पड़ता 》》》》 ___________________________________ ----------------------------------------- तुम कहते हो ना मै बदली-बदली सी हो गई हू, हाँ मै बदल गई हू, अब नही फर्क पड़ता मुझे। हाँ मुझे नही फर्क पड़ता। अब नही फर्क पड़ता किसी बात से , कोई क्या कहता है, कौन क्या सोचता है। हाँ मुझे नही फर्क पड़ता। तु मेरा कभी था ही नही, ते तु आज किसी ओर का हो गया। हाँ मुझे नही फर्क पड़ता। तेरी जुबा ते आज मेरा ना जिक्र है, ते ना कोई फिक्र, तो क्या नही फर्क पड़ता। हाँ मुझे नही फर्क पड़ता। मैं जानती हु, मेरा प्यार सच्चा था, मुझे कोई गम नही दिल टूटने का, क्युकि वो दिल भी अपना था और प्यार भी। हाँ मुझे नही फर्क पड़ता। ~kajal kaushik
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