आंखो से दूर दिल के करीब था,
मै तेरा और तू मेरा नसीब था।
न कभी मिले न कभी जुदा हुए,
रिश्ता हम दोनो का कितना अजीब था।
अब मेरे बाद किस को सताओगे,
मुझे किस तरह से मिटाओगे।
काजल की लकीरे फिर खींचने लगी है,
कल जो देखी थी परछाई आज हूबहू
दिखने लगी है।
बताओ मेरे बाद किस को सताओगे,
मुझे किस तरह से मिटाओगे।
तुम्हारा गुस्सा और मेरा प्यार एक ही तो जैसा है, ना तुम्हारा गुस्सा कम होता है, ना ही मेरा प्यार।
अब मेरे बाद किस को सताओगे,
मुझे किस तरह से मिटाओगे।
बरबाद करना ही था तो किसी और
तरीके से करते जिदंगी बनकर हमारी
जिदंगी ही छीन ली तुमने।
अब मेरे बाद किस को सताओगे,
मुझे किस तरह से मिटाओगे।
कैसे करू भरोसा गैरों के प्यार पर
अपने ही मजा लेते है,
अपनो की हार पर।
बताओ मेरे बाद किस को सताओगे,
मुझे किस तरह से मिटाओगे।
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मेरे बाद किस को सताओगे,
मुझे किस तरह से मिटाओगे।
Very nice
ReplyDelete🥰😍🤩super sa bhi bhut jada uper
ReplyDeleteWow 🤩😍😲
ReplyDeleteWriter 💪👇🤝🙏
Very good
ReplyDelete😍😍😍😍😱👏👏👌💪💃
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