《ये जो नींद तुझे इतनी प्यारी है》 इक हवा छू कर गयी यही कही... वो लम्हा थम सा गया यही कही... कुछ कहा किसी ने यही कही... कहा कुछ ऐसे कि------------ ये जो नींद तुझे इतनी प्यारी है। तेरे जागते सपनो का कया ही सवेरा है। ये जो नींद तुझे इतनी प्यारी है। ये जो नींद तुझे इतनी प्यारी है। ये नींद वहाँ तक जा पहुंचे... जिस नींद का सवेरा कही ओर होगा। निकल पड़ेंगे किसी और ही सफर पर। निकल पड़ेंगे किसी और ही सफर पर... मंजिल का किसे पता होगा। वो वक्त ना जाने तुझसे क्या-क्या कराएगा... वो याद तुझे कभी ना आएगा। हवा रूकी, आँखे खुली तो लगा... ये मुझे क्या हो गया... ये मै कहां खो गयी... यही तो थी मै अभी... यही तो थी मै अभी... मगर... अब नही. अब नही. अब नही। ये जो नींद तुझे इतनी प्यारी है ~KajalKaushik❤
Best poetry websites -My diary poems
I have shared best poetry's about love, care, dream, memories, childhood, maa, papa, blogs, seo and YouTube Vlog's in Hindi and English and many more things.